Monday, May 20, 2024
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NFT नॉन फंजिबल टोकन

दुनिया तेजी से डिजिटाइजेशन की ओर अग्रसर हो रही है। सभी व्यक्ति आर्थिक विकास की तरफ बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से  NFT नॉन फंजिबल टोकन  का नाम काफी लिया जा रहा है। इसे एक क्रिप्टोग्राफिक टोकन भी कहा जा सकता है। NFT नॉन फंजिबल टोकन एक ऐसी तकनीकी आर्ट है। जिसके बारे में अगर यह कहा जाता है कि यह अद्वितीय है। साथ ही स्थापित किया जाता है कि इसका मालिकाना हक किसी खास व्यक्ति के पास ही होगा। यानी उसे नॉन फंजिबल टोकन कहा जाता है।

आजकल निवेशक इस तरह की चीजों पर खास ध्यान दे रहे हैं। यह केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध है। पिछले कुछ दिनों से इस टोकन को लेकर बहुत सारी खबरें सामने आ रही है। लोगों के मन में इसके बारे में जानने के लिए बहुत सारे सवाल हैं। पिछले कुछ दिनों से लोगों का ध्यान इसकी तरफ आकर्षित भी हुआ है।

कुछ ही दिन पहले एक 10 सेकंड की वीडियो क्लिप करीब 66 लाख यानी करीब ₹48.44करोड़ में बिकी। इसे मियामी के आर्ट कलेक्टर पाब्लो रोड्रिगुज फ्रेलेर ने खरीदा। उन्होंने वर्ष 2020 में भी 10 सेकंड के आर्ट वर्क पर 67 लाख यानी करीब उन 49.17 लाख रुपए खर्च किए। यह एक कंप्यूटर जनरेटेड वीडियो है। इसे NFT यानी नॉन फंजिबल टोकन कहा जाता है।

NFT नॉन फंजिबल टोकन  क्या है ?

NFT का मतलब नॉन फंजिबल टोकन है। यह एक क्रिप्टोग्राफिक टोकन है। जो किसी यूनिक चीज को दर्शाता है। किसी व्यक्ति के पास नॉन फंजिबल टोकन का होना यह दर्शाता है कि उसके पास कोई अद्वितीय या प्राचीन डिजिटल आर्ट वर्क है। जो दुनिया में किसी और के पास नहीं है।

नॉन फंजिबल टोकन यूनिक टोकनस होते हैं। यह डिजिटल असेट्स होते हैं जो वैल्यू को जनरेट करते हैं। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो अगर 2 लोगों के पास बिटकॉइन है। तो वह उन्हें आपस में एक्सचेंज कर सकते हैं। क्योंकि उनकी कीमत एक जैसी ही होती है। लेकिन नॉन फंजिबल टोकन को विनिमय नहीं किया जा सकता। क्योंकि यह यूनिक आर्ट पीस होते है और इसका हर टोकन भी अपने आप में ही यूनिक होता है। बिटकॉइन एक डिजिटल असेट है जबकि नॉन फंगीबल टोकन एक यूनिक डिजिटल असेट है। इसके हर टोकन की वैल्यू भी यूनिक होती है। आसान भाषा में समझा जाए तो किसी डिजिटल आर्ट वर्क को तकनीकी दुनिया में स्थापित किया जाए तो उसे NFT यानी नॉन फंजिबल टोकन कहा जाता है।

नॉन फंजिबल टोकन कैसे काम करता हैं?

नॉन फंजिबल टोकन का इस्तेमाल डिजिटल असेट्स या सामानों को खरीदने के लिए किया जा सकता है। जो एक दूसरे से अलग होते हैं। इससे उनकी कीमत और यूनिकनेस साबित होती है। यह वर्चुअल गेम्स से आर्ट वर्क तक हर चीज के लिए स्वीकृति प्रदान कर सकते हैं। नॉन फंजिबल टोकन को स्टैंडर्ड और ट्रेडिशनल एक्सचेंजज में ट्रेड नहीं किया जा सकता है।

नॉन फंजिबल टोकन का प्रभाव ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी के जानकारों और इसके समर्थकों का कहना है। कि नॉन फंजिबल टोकन की मदद से देश के कलाकारों का सशक्तिकरण किया जा सकता है। अपने देश में आर्ट, फुट, फैशन, कल्चर, स्टाइल जैसे कई चीजें यूनिक है। इसीलिए इस टोकन का उपयोग इन सभी चीजों में किया जा सकता है।

महिलाएं अपने हाथों से यूनिक पेंटिंग्स तैयार करती हैं। जिन की उचित कीमत उन्हें नहीं मिल पाती है। लेकिन अगर वह नॉन फंजिबल टोकन टेक्नोलॉजी से इसे लिंक कर देती है तो पूरी दुनिया में इसकी डिमांड बढ़ जाएगी। और उन्हें अपने आर्ट की अच्छी कीमत मिल सकती है। जिससे उन्हें उनके जीवन में आर्थिक सुधार होगा और देश में रहने वाले कलाकारों और संगीतकारों को नॉन फंजिबल टोकन से काफी मदद मिल सकती है।

नॉन फंजिबल टोकन का बड़ा मार्केट

नॉन फंजिबल टोकन का सबसे बड़ा मार्केट डिजिटल गेमिंग है। डिजिटल गेमिंग की दुनिया में इसे सबसे अहम स्थान दिया गया है। यह माना जाता है यहां कैरेक्टर्स या किसी अन्य प्रॉपर्टी का इस्तेमाल उन लोगों द्वारा नहीं किया जा सकता जिन्होंने इसे ना खरीदा हो। इससे लोग पैसे भी कमा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो अगर आपने कोई वर्चुअल रेस ट्रेक खरीदा है। तो दूसरे प्लेयर्स को उसे इस्तेमाल करने के लिए आपको पैसे देने होंगे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि गेमिंग की दुनिया के लिए एक सबसे बड़ा मार्केट है। और इससे खरीदने वाले को भी पैसे कमाने का मौका मिलता है।

नॉन फंजिबल टोकन निवेश करने का जोखिम

  • नॉन फंजिबल टोकन में निवेश करने का सबसे बड़ा जोखिम कॉपीराइट संबंधित है। जिसे हमने असली और अद्वितीय माना है। वह किसी और से प्रभावित हो सकता है या चोरी हो सकता है। ऐसे में अगर सेकंड कॉपी के नॉन फंजिबल टोकन को खरीदते हैं तो फर्स्ट कॉपी वाला कॉपीराइट्स का मामला उठा सकता है।
  • इसके अलावा यह वॉलेट में स्टोर होता है जो कि सुरक्षित नहीं है। अगर वॉलेट का पासवर्ड भूल जाए तो बहुत मुश्किल होती है। इसकी कीमत में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है

वॉल्यूम और डिमांड काफी कम

इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इस समय नॉन फंजिबल टोकन का बाजार उसी मोड़ पर खड़ा है जहां पर कुछ सालों पहले क्रिप्टोकरंसी का बाजार था। इस समय इस टोकन में वॉल्यूम काफी कम है। और डिमांड भी कमजोर है। शुरुआत में नॉन फंजिबल टोकन के रूप में ज्यादातर आर्ट, म्यूजिक, वीडियो जैसे प्रोडक्ट दिखाई दे रहे थे। इसके बाद कोई अंडर लाइन वैल्यू नहीं है। जैसे कुछ पेंटिंग्स का मूल्य आज भी बहुत ज्यादा है उदाहरण के लिए मकबूल फिदा हुसैन का आर्ट अमूल्य है।

नॉन फंजिबल टोकन के फायदे

  • नॉन फंजिबल टोकन का पहला सबसे बड़ा फायदा यह है। कि क्रिएटर के लिए काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें क्रिएटर को रॉयल्टी दी जाती हैं। जब भी आर्ट को रिसेल किया जाता है।
  • नॉन फंजिबल टोकन का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें एथेरियम ब्लाकचैन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें लेजर द्वारा सारा डाटा रिकॉर्डस किया जाता है।
  • नॉन फंजिबल टोकन से उसे आर्ट्स के ओरिजनल क्रिएटर के बारे में जाना जा सकता है। जिससे डिजिटल को कॉपी या चोरी होने से बचाया जा सकता है।

नॉन फंजिबल टोकन के नुकसान

  • नॉन फंजिबल टोकन का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसकी पेमेंट क्रिप्टोकरंसी की जाती है।अगर बात करें क्रिप्टोकरंसी कि इसके बिजली बहुत ज्यादा खर्च किया जाता है। जिससे आने वाले भविष्य में पर्यावरण पर इसका बहुत असर दिखाई देगा।
  • जब हम किसी फिजिकल रूप से आर्ट्स या पेंटिंग को खरीदते हैं। तो उसे हम घर लेकर आ सकते हैं। स्टोर करके रख भी सकते हैं। लेकिन नॉन फंजिबल टोकन में ऐसा नहीं होता है। इसे देख तो सकते हैं, लेकिन फिजिकल रूप मेसे नहीं ले सकते। यह सिर्फ ऑनलाइन ही उपलब्ध होती है।

भारत में नॉन फंजिबल टोकन

NFT विशेषज्ञों के अनुसार भारत में नॉन फंजिबल टोकन का कांसेप्ट एकदम नया है। यहां पर इससे ट्रेड में लाने के लिए बहुत अधिक समय लग सकता है नॉन फंजिबल टोकन को भारत में लॉन्च करने के लिए क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पहली भारतीय कंपनी बनने की तैयारी में है। जिसे Dazzle नाम दिया जाएगा। जिससे भारत में भी इसका उपयोग किया जा सके और यहां पर रहने वाले कलाकारों व साहित्यकारों का आर्थिक विकास हो सके।

नॉन फंजिबल टोकन का भविष्य

नॉन फंजिबल टोकन रिपोर्ट के अनुसार 2020 में कोरोना महामारी के दौरान इसकी बिक्री 100 मिलियन अमरिकन डॉलर को पार कर गई है। भारत में सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक नई रूपरेखा तैयार करने का विचार कर रही है। नॉन फंजिबल टोकन के बारे में लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नॉन फंजिबल टोकन पारिस्थितिकी तंत्र क्रिप्टोकरंसी का एक अनियमित बाजार है। क्योंकि इस से भारत में एक नई अवधारणा प्रभावित हों रही है।

बाजार के प्रति उत्साही लोगों के अनुसार नॉन फंजिबल टोकन अलग व बड़ी चीज है। जो एक दिन में क्रांति ला सकती है। जिस तरह से हम पैसे, संपत्ति या किसी अन्य लेनदेन को संचालित करते हैं उसी प्रकार यह भी कार्य करता है। और इसके उपयोग से लोग कुछ ही दिनों में अधिक से अधिक पैसा कमा सकते हैं। जैसा कि क्रिप्टोकरेंसी में होता है।

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