Monday, May 20, 2024
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Central Vista Project – सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट

लोकतंत्र का मंदिर कहे जाने वाली संसद के लिए नए भवन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 दिसंबर 2020 को संसद निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। नए संसदीय भवन का शिलान्यास करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि यह “एक नए और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक” बन जाएगा। नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ही एक हिस्सा हैं।

12 दिसम्बर 1911को  भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थान्तरित करने की घोषणा की गई तो, रायसीना हिल्स वाले क्षेत्र को ‘पॉवर कॉरिडोर ऑफ़ इंडिया’ कहा जाने लगा और इस पुरे क्षेत्र को सेंट्रल विस्टा कहा गया। सेंट्रल विस्टा को सबसे पहले वास्तुकार एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था । जिसमे वर्तमान संसद भवन भी शामिल हैं। 12 फरवरी 1921 को शिलान्यास करने से लेकर, तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन द्वारा 18 जनवरी 1927 तक उद्घाटन करने तक संसद भवन के निर्माण में छह साल लगे।

क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सितंबर 2019 को की गई थी। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट के बीच कई नई इमारतों के निर्माण की योजना हैं। इसके अंतर्गत देश के लिए एक नए संसद भवन, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के लिए नए आवास, कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालय के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जायेगा साथ ही राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के 3 किलोमीटर लंबे राजपथ का पुनर्निर्माण भी इसमें शामिल है।  सेंट्रल विस्टा परियोजना की लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।सेंट्रल विस्टा क्षेत्र का काम नवंबर 2021 तक, नए संसद भवन का काम 2022 तक और कॉमन केंद्रीय सचिवालय का काम 2024 तक पूरा किया जाना है।

प्रोजेक्ट का नाम सेंट्रल विस्टा क्यों रखा गया

राजपथ के करीब दोनों तरफ की इलाके को सेंट्रल विस्टा कहा जाता है। जिसमें प्रिंसेस पार्क का इलाका भी शामिल है। सेंट्रल विस्टा में राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक, उपराष्ट्रपति भवन, नेशनल म्यूजियम, नेशनल आर्काइव्ज की भव्य इमारत, उद्योग भवन, हैदराबाद हाउस, निर्माण भवन जवाहर भवन, बीकानेर हाउस, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स( IGNCA ) आदि शामिल हैं।

 

क्या-क्या निर्माण कार्य शामिल हैं सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में

  1. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत जो सबसे प्रमुख निर्माण कार्य हैं, वह है देश के लिए नए संसद भवन का निर्माण करना।
  2. एक केंद्रीय सचिवालय का भी निर्माण किया जाएगा। जिसमें मंत्रालयों के कार्यालय होंगे।
  3. सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा।
  4. ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र’ को जामनगर हाउस के पास स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है।
  5. साथ ही राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ को भी नया रूप दिया जाएगा।
  6. प्रधानमंत्री का नया आवास बनाया जायेगा जो प्रधानमंत्री कार्यालय के पास होगा। वर्तमान में प्रधानमंत्री का आवास में 7 लोक कल्याण मार्ग (7 रेस कोर्स रोड ) में स्थित हैं।
  7. उपराष्ट्रपति का नया आवास नॉर्थ ब्लॉक में बनाया जायेगा। प्रोजेक्ट के तहत उपराष्ट्रपति का मौजूदा आवास उन इमारतों में आता है जिन्हें गिराया जाना है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर कौन काम कर रहा है

इस प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार द्वारा निविदाएं आमंत्रित की गई थी। जिसमें 6 फाइनललिस्ट फर्म चुने गए थे। जो निम्न है

(1)एच.सी.पी डिजाइन योजना और प्रबंधन प्रा. लिमिटेड

(2) सी.पी. कुकरेजा अर्किटेक्ट्स

(3) हाफिज कांट्रेक्टर

(4) सिक्का एसोसिएट अर्किटेक्ट्स

(5) स्टूडियो आर्चोह

(6) आई.एन.आई डिजाइन स्टूडियो

इनमें से एच.सी.पी. डिजाइन योजना और प्रबंधन प्रा. लिमिटेड को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट तैयार करने हेतु विजेता घोषित किया था।

कैसा होगा नया संसद भवन

नई संसद भवन का निर्माण 64500 वर्ग मीटर तथा लगभग 971 करोड़ की लागत किया जाएगा। नए संसद भवन का निर्माण मौजूदा संसद भवन के निकट किया जाएगा। जो आकार में विभिन्न धर्मों में दिखाई देने वाले वाली त्रिभुज ज्यामितीय के आधार पर त्रिकोणीय और 4 मंजिला होगी। नए संसद भवन में लोक सभा कक्ष की थीम राष्ट्रीय पक्षी मोर, राज्यसभा कक्ष की थीम राष्ट्रीय फूल कमल और केंद्रीय लाउंज की थीम राष्ट्रीय वृक्ष बरगद होगी।

नये संसद भवन का डिजाइन एच.सी.पी. डिजाइन योजना और प्रबंधन प्रा. लिमिटेड के विमल पटेल तैयार किया गया हैं जबकि नई संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से कराया जाएगा।

इस संसद भवन में लोकसभा के 881सांसदों तथा राज्यसभा के 384 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। नई संसद भवन में संयुक्त बैठक के दौरान वहां 1272 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। लोकसभा और राज्यसभा में मतदान को आसान बनाने के लिए स्मार्ट डिस्प्ले और बायोमेट्रिक्स का उपयोग भी किया जाएगा।

अधिकारियों के अनुसार नए भवन में सभी सांसदों के लिए अलग-अलग दफ्तर होंगे। यह सभी दफ्तर डिजिटल सुविधाओं से लेस होंगे ताकि दफ्तरों को डिजिटल बनाया जा सके नवीनतम डिजिटल इंटरफेस का उपयोग ‘पेपरलेस ऑफिस’ बनाने की दिशा में एक कदम के रूप में किया जाएगा।

नई संसद भवन में एक भव्य कॉन्स्टिट्यूशन हॉल या संविधान हॉल होंगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को दर्शाया जा सके तथा भारत के संविधान की मूल प्रति को भी इसी संविधान हॉल में रखा जाएगा साथ ही सांसदों के बैठने के लिए एक बड़ा हॉल होगा।

नये संसद भवन का  निर्माण 2022 तक पूरा होना है. उसी वर्ष भारत 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “इससे सुंदर, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आज़ादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा हमारी संसद की नई इमारत हो…ये समय और ज़रूरतों के अनुरूप, ख़ुद में परिवर्तन लाने का प्रयास है।”

क्यों आवश्यकता हैं नए संसद भवन और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की

केंद्र सरकार का यह कहना है कि रायसीना हिल पर और राजपथ से सटे भवनों की ज़रूरतें अब कई गुना बढ़ गई हैं। कई वर्ष पहले डिज़ाइन की गई ये इमारतें अब बहुत पुरानी पड़ चुकी है। इसमें सुरक्षा संबंधी समस्याएँ हैं,जगह की कमी है,ये इमारत भूकंपरोधी भी नहीं है। इसमें आग लगने से बचाव संबंधी सुरक्षा मापदंडों का भी अभाव है।

सरकार का यह भी कहना है कि अब सभी केंद्रीय सरकार कार्यालयों को समायोजित करने के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता है। सरकार के कामकाज में सुधार लाने के लिए यह ज़रूरी है कि सभी केंद्रीय मंत्रालय एक जगह पर हों। इससे सालाना ख़र्च होने वाले 1000 करोड़ रुपये की बचत होगी। मंत्रालयों के बीच आपसी समन्वय में सुधार आएगा।

साथ ही, ये वजह भी दी गई है कि परिसीमन के कारण वर्ष  2026 में जब संसद सांसदों की संख्या अधिक होगी तो उनके लिए अधिक स्थान की आवश्यकता होगी। वर्तमान सांसदों के लिए संसद भवन में आवश्यक स्थान और सुविधाएं काफी अपर्याप्त हैं, इसलिए एक नए संसद भवन की ज़रूरत है।

केंद्र सरकार का ये भी कहना है कि बहुत सारे विदेशी लोग सेंट्रल विस्टा इलाके में आते हैं और इसे विश्वस्तरीय पर्यटक आकर्षण बिंदु बनाने के लिए सेंट्रल विस्टा क्षेत्र की सुंदरता बढ़ाना ज़रूरी है।

क्या होगा मौजूदा संसद भवन का

केंद्र सरकार के अनुसार मौजूदा संसद भवन का इस्तेमाल संसदीय आयोजनों के लिए किया जाएगा। ब्रिटिश काल के इस मौजूदा संसद भवन का डिज़ाइन एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने बनाया था। संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था। 566 मीटर व्यास वाला संसद भवन  छह साल में बनकर तैयार हुआ था। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपए ख़र्च हुए थे। संसद भवन का उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था।

क्यों विरोध हों रहा हैं सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और नए संसद भवन का

वर्तमान में जब पूरा देश और विश्व कोविड 19 की महामारी से जूझ रहा हैं। उस समय केंद्र सरकार द्वारा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को आवश्यक सेवा या वैनिटी प्रोजेक्ट बनाना किसी को भी पसंद नहीं आ रहा हैं। इसके विरोध में उच्च्तम न्यायालय में कई जनहित याचिका भी दायर की गई हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेंट्रल विस्टा को आपराधिक बर्बादी करार दिया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि लोगों की जान केंद्र में रखिए , न कि नया घर पाने के लिए अपनी अंधी हेकड़ी।

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